Monday, May 28, 2018

शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!

शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!

कला क्षेत्र में आना मेरे लिए सौभाग्यहार की बात है, और
कलाकार होना मेरे लिए एक उपहार |
यह सब आपका प्यार और प्रोत्साहन ही है कि कला की दुनिया में कदम रखने का जोखिम उठा पाया और धीरे - धीरे कदम मज़बूती की ओर बढ़ते चले।
आप सभी से आशीर्वाद और शुभकामना की आस में ...🙏
आपका आभार व्यक्त करता हूँ |

मुझमे इस नायाब और पवित्र कला की शिक्षा देश के महान एवं प्रतिभाशाली गुरुओं से मिली जिनमे मेरे पूजनीय गुरु श्री अमित गंजू व श्रीमति नवीना गंजू जी हैं, जिन्होंने प्रारम्भिक कला की शिक्षा व कला की नई सोच प्रदान की। बाद में कला की बारीकियों व कला जीवन को गहराई से समझने में कलाविद श्री रमेश गर्ग, पद्मश्री स्व. श्रीलाल जोशी जी, पद्मश्री स्व. कृपाल सिंह जी शेखावत जैसे महान कला गुरुंओं का सानिध्य प्राप्त हुआ।

मेरी सम्पूर्ण कला यात्रा का श्रेय मेंरी मम्मा स्व. श्रीमति कौशल्या भट्ट को जाता है ।
उन्ही के करकमलों द्वारा आज ये संस्कार मुझमे पनपे कि मैं अपने देश की कला-जगत में अपना और अपने परिवार जनों का नाम रोशन कर सकूं।
साथ ही सुदृढ़ विचारों और रचनात्मकता के धनी मेरे पिताश्री श्री गौवर्धन लाल भट्ट के आशीर्वाद से यह मुकाम हासिल करने की शक्ति मिल पाई।
मेरी इस अपार सफलता और जनप्रेम के पीछे एक खास शख्स की अहम भुमिका है, जिन्होंने मुझे कला जगत की और अग्रसित ही नहीं अपितु जीवन की प्रत्येक मोड़ पर मार्गदर्शन किया। इन्होंने मुझे ही नहीं वरन स्वयं की शख़्सित को भी समाज से परे एक ideal personality के रूप में निखारा। इनकी प्रेरणा दायक जीवन यात्रा तक यह कितने पहाड़ चढ़ी यह बखान करना और उस सोच तक पहुँच पाना लोहे के चने चबाने जैसा होगा।
इन्होंने जीवन मे जो सोचा उसे पूर्ण भी किया, उस कार्य के अंतिम चरण तक किया। इस प्रेरणा दायक शख्सियत के जीवन का प्रत्येक पहलू समाज व देश के लिए शिक्षाप्रद है, जिन्होंने मुझ जैसे संकोची बालक को दुनिया से मुखातिब होने की तालीम दी, और न सिर्फ तालीम बल्कि एक अच्छा इंसान होने तक मिट्टी के घड़े को समयानुसार परिपक्वता की ओर अग्रसित भी किया।
मेरेलिये यह शख़्सियत आदर व सम्मान से परे एक पूजनीय व प्रेरणादायक स्त्रोत के रूप में एक अहम किरदार निभातीं हैं, यह और कोई नहीं मेरी प्यारी बहन सुश्री डॉक्टर कुसुम भट्ट हैं।
मेरी इस सफलता का सम्पूर्ण श्रेय डॉ कुसुम भट्ट को दूँ तो मेरेलिये यह कोई अतिशयोक्ति न होगी।
शुक्रिया मेरे ईश्वर आपने इस परिवार में मुझे जन्मा और पूजनीय मातापिता के आशीर्वाद से व प्रेरणादायक भाई- बहन का प्यार और जीवन संगिनी के रूप में नलिनी जी को जिन्होंने हरकदम पर मेरी सोच को नई दिशा प्रदान की और एक खूबसूरत, होनहार तोहफे के रूप में मास्टर अमोल को मेरे सुपुत्र के रूप में मुझे दिया।
में आप सभी का मन की गहराइयों तक भी शुक्रिया करुण तो भी कम होगा । मैं मेरेईश्वर से गुजारिश करता हूँ की प्रत्येक जन्म में मुझे यह ही पवित्र रिश्तो का हिस्सा बनाये ताकि मैं और गुण अर्जित कर सकूँ।
शुक्रिया मेरे ईश्वर !!!


















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