Monday, May 3, 2021

राजकीय संग्रहालय अजमेर में सौरभ भट्ट की कला संग्रहित।

 “राजकीय संग्रहालय अजमेर में सौरभ भट्ट की कला संग्रहित।“

अब सौरभ भट्ट की कला का स्थाई रूप से संकलन राजकीय संग्रहालय अजमेर, अजमेर विकास प्राधिकरण विभाग व् अजमेर क्लब में |
सौरभ भट्ट की कला को राजकीय संग्रहालय अजमेर सहित अजमेर विकास प्राधिकरण, व् अजमेर क्लब एवं थाईलैंड के 11 सथोर्न आर्ट गैलरी में स्थाई रूप से कला संग्रहालय में संग्रहित किया गया।
यह जानकारी अलोक आर्ट गैलरी के निदेशक श्री गौवर्धन लाल भट्ट ने दी। उन्होंने बताया की हाल ही अजमेर विकास प्राधिकरण में हुए एक कला कुम्भ में सौरभ भट्ट ने अपनी कला के लाइव परफॉर्मन्स से कला जगत के कई राजनैतिक, व्यावसायिक व् उद्योगपति हस्तियों सहित कलाकार एवं कला प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया। इस उत्सव में कई बड़े कलाकारों ने अपने हुनर को भी प्रदर्शित किया। जिनमें देश के कई नामी कलाकार, डॉ. अनुपम भटनागर, संजय सेठी, प्रहलाद शर्मा, अलका शर्मा, लक्षपाल सिंह राठौर, इंदु खंडेलवाल, विनय त्रिवेदी, किरण खत्री, देवेंद्र खारोल, आदि कलाकारों ने अपनी कला का लाइव प्रदर्शन किया।
सौरभ भट्ट 95 से अधिक कला प्रदर्शनियों को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शित कर चुके हैं। अब सौरभ भट्ट की कला का स्थाई रूप से संकलन अजमेर विकास प्राधिकरण विभाग में किया जायेगा। साथ ही अजमेर के राजकीय संग्रहालय में व् अजमेर क्लब सहित देश विदेश की कई सरकारी व् निजी विभागों और संस्थानों में एवं थाईलैंड के 11 सथोर्न आर्ट गैलरी में स्थाई रूप से संग्रहित किया जा चुका हैं।
भट्ट ने अपने आधुनिक कला हुनर से अपनी जन्मभूमि भीलवाड़ा को कला जगत में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई है। और युवा पीढ़ी व् कला प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन कड़े हुए हैं। भट्ट अपने जीवन की प्रेरणा का स्त्रोत पिता श्री गौवर्धन लाल भट्ट को मानते हैं।
उनके उज्जवल व् निर्मल भविष्य के लिए कोटि कोटि साधुवाद!
सौरभ भट्ट की सफलता का मूल मन्त्र- ढृढ़ संकल्प और सतत प्रयास !
हर व्यक्ति के जीवन में कुछ असाधारण शक्ति होती है...
इसे पहचानना और आगे बढ़ना ही जीने की कला है। "-सौरभ भट्ट
21st July 2019
सौरभ भट्ट की सफलता का मूल मन्त्र- ढृढ़ संकल्प और सतत प्रयास !
सौरभ भट्ट कंबोडिया-वियतनाम-मलेशिया-सिंगापुर-इंडोनेशिया में करेंगे अपनी कला के प्रदर्शन द्वारा भारत का नाम रोशन।
28 मई से 8 जून 2019 तक कंबोडिया में डलत आर्ट गैलरी में होगा सौरभ भट्ट की कला का प्रदर्शन
वस्त्र नगरी- आलोक आर्ट गैलरी के निदेशक गौवर्धनलाल भट्ट ने बताया कि, आधुनिक शैली के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार व् कला-विश्लेषक सौरभ भट्ट 28 मई से 8 जून 2019 तक कंबोडिया में डलत आर्ट गैलरी में करेंगे अपनी कला के प्रदर्शन द्वारा भारत का नाम रोशन।
हाल ही सौरभ भट्ट को 5 मार्च 2019 को शिल्पगुरु-पद्मश्री श्रीलाल जोशी (बाऊसाहब) की स्मृति में आयोजित कला प्रदर्शनी "श्री दर्शन" में कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री श्रीलाल जोशी सम्मान से भी सुशोभित किया गया।
धुन का धनि और संकल्पों का कुबेर जब आगे बढ़ता है, तो किस्मत खुद-ब-खुद उसके सपनों में रंग भारती है। जैसे फूल की सौरभ को छुपाया नहीं जा सकता, उसी प्रकार खुद सौरभ भट्ट की चित्रकारी के रंग भी प्रसिद्धि के कैनवास पर बिखरे बिना नहीं रहे। चुगलखोर कूंची ने सबको बता ही दिया कि सौरभ को चित्रकारी की दुनिया में आगे... और आगे जाना है।
39 वर्षीय सौरभ की कंटेम्पररी चित्रकारी ने कई राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय मुकाम हासिल किये हैं। उनकी कृतियां शुरू से ही प्रकृति व् जीवन से प्रभावित रहीं हैं।
उनकी कृति "ममत्व-एक प्रेम" ने समाज में एक प्रतीकात्मक सन्देश के रूप में जागरूकता फैलाई है कि माता-पिता की सेवा ही सर्वोच्च पुण्य की प्राप्ति है। वहीँ "अ फॉर्म ऑफ़ रिदम" जैसी कलाकृति ने जीवन में आपसी भाई-चारे, एवं प्रेम-भाव के सन्देश को बढ़ावा दिया है।
वर्ष 2006 में उनकी एकल प्रदर्शनी से प्रभावित होकर विश्व प्रसिद्ध कलाकार शिल्पगुरु स्वर्गीय पद्मश्री श्री कृपालसिंह शेखावत ने लिखा था, "सौरभ तू काम करता चला जा, तेरा ज़माना इंतज़ार कर रहा है।" 2007 में उनकी कलाकृति "रघुवंशम" को "कालिदास अवार्ड" के लिए प्रदर्शित किया गया। 9 अप्रेल 2014 में "प्रकृति एक जीवन" कलाकृति को राजा रविवर्मा आदरांजलि अवार्ड के लिए चयनित किया गया।
अपने पिता श्री गौवर्धनलाल भट्ट को आदर्श मानने वाले भट्ट अब तक 94 से ज्यादा प्रर्दशनी का आयोजन कर चुके हैं इनमें देश के कई नगर-महानगर सहित जहांगीर कलादीर्घा, दिल्ली ललित कला अकादमी सहित भोपाल, नेपाल, भूटान, मालदीव्स, श्रीलंका, नूज़ीलैण्ड, फ्रांस के मोज़ाम्बिक शहर से लेकर स्कॉटलैंड, ब्राज़ील, ब्रिटैन, डेनमार्क, थाईलैंड व् बैंकाक शामिल हैं।
साथ ही भट्ट ने अपनी कला को अंतर्राष्ट्रीय कलाकार माइकल थॉमस फ्रॉम कोर्स-फ्रांस, और जेनिस-थाईलैंड के साथ मिलकर अपनी कला को नए मुकाम तक पहुँचाया है। उन्होनें बताया कि "भट्ट की कलाकृतियाँ आर्ट वर्ड में नई सोच और नई दिशा की और प्रेरित करती रहीं हैं।"
सौरभ भट्ट अपनी सम्पूर्ण कला शिक्षा का श्रेय अपने गुरु कलाविद श्री रमेश गर्ग, कलाविद स्वर्गीय श्री रणजीत सिंह चुड़ावाला, स्वर्गीय सुरेंद्र पाल जोशी, शिल्पगुरु-पद्मश्री स्वर्गीय श्री कृपालसिंह शेखावत, शिल्पगुरु-पद्मश्री श्रीलाल जोशी, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला गुरु श्री अमित गंजू एवं नवीना गंजू सहित अपने पिता श्री जी. एल. भट्ट व् बहन डॉक्टर कुसुम को देते हैं, जिन्होंने प्रत्येक कदम पर भट्ट को कला के बारीक गुर की शिक्षा प्रदान करने में सहयोग किया।
सौरभ भट्ट की सफलता का मूल मन्त्र- ढृढ़ संकल्प और सतत प्रयास !
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वस्त्र नगरी के सौरभ भट्ट 2018 में 20 वें कला मेले में बढ़ाएंगे अपनी कला का मान
भीलवाड़ा के प्रख्यात आर्टिस्ट एवं कला विश्लेषक सौरभ भट्ट अपनी कला का एकल प्रदर्शन (solo exhibition) जयपुर में आयोजित 20 वें कला मेले में करेंगे !
यह जानकारी आलोक आर्ट गैलरी के निदेशक श्री गोवेर्धन लाल जी भट्ट ने दी ! उन्होंने बताया कि राजस्थान ललित कला अकादेमी द्वारा 4 जनवरी से 8 जनवरी 2018 तक रविंद्र मंच पर 20 वे कला मेले का आयोजन किया जाएगा ! कला मेला में देश के कई सिद्ध-हस्त कलाकार शिरकत करेंगे !
समसामयिक व् वास्तविक विषयों के एक्सपर्ट सौरभ ने इस बार अपनी काला में नए प्रयोगों को शामिल किया हे !
सौरभ बताते हैं कि उनकी कलाकृति में उन्होंने हिरण्यगर्भ-ज्या, Vision (दृष्टि), Germination जर्मिनेशन (अंकुरण), Thinker (चिंतन)व् मातृत्व प्रेम आदि विषयों पर कलाकृति का निर्माण किया हे !
हाल ही बैंकॉक व् थाईलैंड में अपनी कला द्वारा भारत का मान बढ़ा चुके वस्त्र नगरी के सौरभ भट्ट बैंकाक में आर्ट विषयक सेमीनार और वर्कशॉप का भी आयोजन कर चुके हैं ! साथ ही आर्ट विश्लेषक के रूप में समसामयिक आर्ट और इसकी सामाजिक राष्ट्रीय उपयोगिता पर पत्र वाचन भी किया !
इससे पूर्व भी सौरभ स्थानीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के कई देशों में तक़रीबन 74 से ज्यादा आर्ट प्रदर्शनियॉ लगा चुके हैं ! यह भट्ट की 75 वी कला प्रदर्शनी हे !
कला मेले में राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात कलाकारों के साथ ही कला और संस्कृति से जुड़े कई सम सामयिक विषयों पर वार्ताए आयोजित की जाएंगी ! जिसमे देश के कई नामी कलाकार और चिंतक भाग लेंगे ! वार्ताओं का दौर 5 जनवरी से 7 जनवरी तक रविंद्र मंच के मिनी ऑडिटोरियम में दोपहर 3 से शाम 5 बजे के बीच आयोजित किया जाएगा !
कला मेले के इतिहास में पहली बार भाषाई संस्कृति को भी शामिल किया गया है। इसके तहत विभिन्न संस्कृतियों में कला के योगदान पर चर्चाएं आयोजित की जाएंगी साथ ही इन संस्कृतियों में कला का क्या रूप है ये बताने के लिए उसी संस्कृति के कलाकारों के विषेष लाईव डेमोस्ट्रेषन भी आयोजित किए जाएंगे।
समारोह में इस बार कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले एक बुजुर्ग कलाकार को 51 हजार रूपए के लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा जाएगा।
https\://youtu.be/VhZ4zE25ExA
Director
ALOK ART GALLERY









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