Sunday, May 9, 2021

माँ एक एहसास... Mother's Day 9th May 2021

 माँ एक एहसास...

Mother's Day 9th May 2021

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माँ, जिसने बचपन में बहुत कुछ सिखलाया, सही गलत की सीख़ दी |

परन्तु जब होश सम्भाला, बहुत देर हो चुकी थी।

अब वो मेरे पास नहीं थी। था तो उसका एक मीठा और रूहानी एहसास...


आज सब मना रहे मदर्स डे... पर मैं क्या करूँ... यही असमंजस सालों से मेरे अंदर है।

मुझे तब समज नहीं आया कि वह क्या था...

यह खालीपन... अकेलापन... मैं समझ ही नहीं पा रही थी कि मेरे साथ यह हो क्या रहा है...

परन्तु कुछ समय बाद...


मुझे माँ बनने का सौभाग्य मिला। मानों मेरी ख़ुशी की कोई सीमा न थी...

उसके मुलायम हाथों ने मेरी उँगलियों को अपनी मुट्ठी में पकड़ रखा था |

मुझे तब वह एहसास हुआ... जिसकी मेरे जीवन में एक कमी सी थी।


जब उसे पहली बार अपने सीने से लगाया... तो यूँ लगा...

लगा जैसे जीवन बस यहीं ठहर जाए।

यह वह एहसास था जिसने मुझे अपने आप से रूबरू कराया।

उसके मीठे स्वरों ने पहली बार माँ होने का एहसास कराया।

मेरे लिए उस पल को कैद करना मुश्किल था।

परन्तु, मेरी कूँची ने उस पल को फिर से जीवंत कर दिया...


आज जीवन के मायने ही बदल से गए हैं। जहाँ जीने के लिए रोटी, कपड़ा, और मकान महत्वपूर्ण हुआ करते थे, आज जरूरतों ने रुख बदल लिया और इनकी बजाये अब स्वांसों (ऑक्सीजन) ने ले ली है।  जिन्हें संभाल पाना मुश्किल सा नजर आता है। इस सब बदलते परिवेश में रिश्तों ने भी अपना असर दिखाना शुरू किया है जो की वर्षों से चली आ रही कोई नयी बात नहीं, परन्तु आज भी एक रिश्ता है जिसे बदलना असंभव है। वह है "माँ"। "माँ" एक अपनत्व का एहसास है, एक सहारे का एहसास, यह एक एहसास ही तो है जो हर मुसीबत से बहार निकाल लेता है। यह मात्र एक शब्द है परन्तु सम्पूर्ण श्रष्टि इसमें समायी है।

इस महामारी के बीच आज हम सब घरों में कैद हैं। परन्तु अंदर की बात तो यह कि क्या वाकई हम अपने आप को क़ैद मानते हैं ? शायद इसका जवाब हम सभी के पास है। इस पुरे लॉक-डाउन समय में फ्रंट-लाइन वॉरियर के साथ शायद किसी का ध्यान एक व्यक्ति पर नहीं गया, वह है "माँ"।

इसी अनुभूति को कंटेम्परेरी आर्टिस्ट सौरभ भट्ट ने अपनी पेन्टिंग में चित्रित किया है। इस पेंटिंग में भट्ट ने उस एहसास को चित्रित किया जिसे सिर्फ एक माँ और उसका शिशु ही महसूस कर सकता है। दिल की गहराइयों को छू जाने वाली यह नायाब कलाकृति राजा रवि वर्मा आदरांजलि नेशनल आर्ट एक्सिबिशन में भी कलाकारों और कला-प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रह चुकी है। 

इस कलाकृति में सौरभ भट्ट ने मातृत्व प्रेम को बखूबी ब्लैक एंड वाइट कलर्स और टेक्सचर्स से सजाया है। इस पेंटिंग से भट्ट यह भी सन्देश देना चाहते हैं कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक स्त्री के प्रति आदर-सम्मान की भावना को जाग्रत करना होगा, तभी समाज सुढ़ृड़ एवं सशक्त बन पायेगा। इसी अनुभूति को सर्वोपरि मान भट्ट ने अपनी कल्पनाको कैनवास पर चित्रित किया है।


Title of the Painting: माँ
Artist: Sourabh Bhatt
Medium: Oil on Canvas
Size: 30" X 30"



Sourabh Bhatt

An Indian Artist, Writer, and Director of

ALOK ART GALLERY


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